ऑटोमोबाइल और उत्पादन सेक्टर में मंदी के चलते सबसे ज्यादा असर देश के स्टील सेक्टर पर पड़ेगा। स्टील सेक्टर की ग्रोथ 2020 में कम रह सकती है। 2019 में मंदी के कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर से डिमांड फ्लैट रहने की संभावना है। ग्लोबल रेटिंग्स एजेंसी मूडीज ने स्टील सेक्टर पर अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इसके बावजूद भारत की स्टील डिमांड में ग्रोथ 5 फीसदी के साथ एशिया में सबसे अधिक होने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले दो वर्षों में रेलवे, रोड और मेट्रो नेटवर्क पर भारी खर्च और लगभग 1.95 करोड़ घर बनने से स्टील की डिमांड में वृद्धि होगी, लेकिन यह बहुत अधिक रहने की संभावना नहीं है। मूडीज ने एशिया के स्टील सेक्टर को 2020 के लिए 'नेगेटिव' आउटलुक दिया है। इसके लिए उसने बड़ी स्टील कंपनियों का प्रॉफिट घटने, डिमांड में कमजोरी, स्टील प्राइसेज के नीचे आने और आयरन ओर महंगा होने जैसे कारण बताए हैं।
हालांकि, भारत की दो बड़ी प्राइवेट स्टील कंपनियों जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील एशिया के उन पांच स्टीलमेकर्स में शामिल हैं जिन्हें मूडीज ने 'पॉजिटिव' और 'स्टेबल' आउटलुक दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कंपनियों का कैपिटल स्ट्रक्चर और फाइनेंशियल पोजिशन बेहतर हैं। मूडीज ने जेएसडब्ल्यू स्टील को 'बीए2 पॉजिटिव' और टाटा स्टील को 'बीए2 स्टेबल' रेटिंग दी है।
इसके अलावा एशिया में पॉस्को, बाओशान स्टील, चाइना बाओवु को पॉजिटिव या स्टेबल आउटलुक दिया गया है, जबकि ह्युंडई स्टील, निप्पॉन स्टील और जेएफई होल्डिंग्स एक नेगेटिव आउटलुक वाली कंपनियां हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मूडीज की रेटिंग वाली स्टील कंपनियों के एबिट्डा में कमी आ सकती है।
मूडीज के वाइस प्रेसिडेंट कौस्तुभ चाउबल ने कहा, 'एशिया की बड़ी स्टील कंपनियां इस वर्ष चुनौतियों का सामना कर रही हैं। हमें 2020 में भी डिमांड को लेकर स्थिति में अधिक सुधार होने की उम्मीद नहीं है।' चीन की स्टील कंपनियों की ग्रोथ पर रियल्टी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स से कमजोर डिमांड का असर पड़ेगा। दक्षिण कोरिया में ऑटोमोबाइल और कंस्ट्रक्शन सेक्टर्स में स्लोडाउन से स्टील की डिमांड में कमजोरी रह सकती है। मूडीज का मानना है कि अमेरिका के टैरिफ का बड़ी स्टील कंपनियों पर सीमित असर होगा, लेकिन अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर जारी रहने से नुकसान बढ़ने की आशंका है।
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